Friday, May 9, 2008

बस, यूँही !!!!!

आज बहुत महीनों के बाद फुरसत मिली है , कुछ लिखने की \सोचने मे ही अक्सर वक्त बीत जाता था\ रोज मराह की जिंदगी से अब थोडी फुरसत है के कुछ अपनी पसंद का करे , मन चाहा वक्त बिताये \ गर्मियों की छुट्टी तो लगी है, पर सुबह साडेसात की जॉब से छुट्टी नही मिली है\ ओह, घर और घर का आराम !!!!! कल पहली बार जरा सकुन से उठी, आराम से कॉफी बनाई और स्वाद लेकर पी !!!! अपने लिए खाली वक्त मिला तो कुछ करने के लिए पहले से ही colouring books लाकर रखी थी और मेरे पसंदीदा रंग भी !!!!! Laptop पर पुराने , नये खूबसूरत गानों का collection लगा दिया और एक प्यारे से दिन की रंगीन शुरुवात की !!!!! बहोत दिनों बाद सकुन की साँस ली !!!!!
फुलों मे रंग भर रही थी मैं, उनकी पंकुडिया, पराग , उनके पन्ने सब मे रंग भरते भरते दिल दिमाग मे शान्ति छा रही थी !!!!! बहोत मजा आया , बहोत दिनों बाद !!!!! न जाने कितनी बार ये सोचा की एक कागज पर print किए हुए बेजान फुलों मे रंग भरते हुए मुझे इतनी खुशी होती है, इतना मजा आता है, तो भगवान जिन्हों ने ये दुनिया इतनी रंगीन बनाई है, इतनी खूबसूरती हर जगह बिखेरी है, उन्हें कितना आनंद आया होगा !!!! उनकी कारागरी के क्या कहने !!! गुजरे कई दिनों की थकान मिट रही है अपने नये अनुभवो को जोड़ रही हूँ अच्छे से सान्धकर लिखूंगी यहाँ !!! अब लिखने का, बाटने का वक्त आ गया है !!!!! Lexington की खूबसूरत दुनिया, यहा के वसंत की प्यारी सी झल्किया आप सब के लिए लाऊँगी ..जल्द ही !!!!!