Thursday, April 19, 2007

कुछ रिश्ते |

जो रिश्तें दिलों को छू जाते है, उन रिश्तों को हाथों से छूने कि जरूरत नही \ होती बहुत खुबसुरती भर देते है कुछ लोग हमारी जिंदगी में-इतनी कि नजरे भी दुनिया को खुबसुरत महसूस करती है \इतनी कि पहले बदसूरत लगनेवाली दुनिया में हर तरफ खुबसुरती ,अच्छाई और रौशनी नजर आती है \ दिल को सुकून सा महसूस होता है \ क्या नाम होता है इन रिश्तों का,क्या नाम होता है उन लोगो का? होता भी है हर बार ? उनका नाम,वजूद या उस रिश्ते का नाम, ये जान ना जरूरी नही होता \उन रिश्तों को,उन लोगों को महसूस करना जरूरी है \ हर जिंदगी के लिए ऐसा एक रिश्ता,या कहिये ,रिश्ते जरूरी है \
----गौरी कमलाकर शेवतेकर.

No comments: