कितनी ही बार ऐसा होता है के हम अपने काम मे उलझे होते है और अचानक कोई भुलीसी प्यारी धुन सुनायी पड़ती है, घर साफ करते हुए पुराने सामान मे कही पुराने ख़त मिल जाते है, कोई भुलासा गाना कभी राह चलते सुनाई पड़ता है ,कभी खुद कि ही लिखी कविता कही मिल जाती है और भूली यादो का सिलसिला सा जागता है ,कई अनकहे से ख़्वाब लौटते है, कई अश्क जो सुख गए थे फिर पलकें भिगोते है, कई जख्म जो वक़्त के साथ भर गए थे अचानक जागते है \ ये भूली धुन ,भुलासा गाना ,ये पुराने ख़त , ये मासूम अश्क याद दिलाते है एक खुबसुरत अतीत कि ,और होठो पर एक हलकी सी मुसकुराहट खिल जाती है \ कई बंद दरवाजे खुल जाते है, और हम अपनी ही तरफ फिर वापस लौटते है \ कितने ही सालो का फासला पल मे तय हो जाता है और कई लम्हों को फिर से जिंदगी मिल जाती है या शायद उन यादो के साथ हमारी जिंदगी लौटती है \ कितनी ही बाते जो हम ने कहने कि सोची थी ,कई ऐसे पल जिन्हे अपनी जिंदगी मे लाना चाहा था पर हक़ीकत मे ला ना सके ,वो फिर से याद आते है
और हम फिर उन्हें दोहोराते है,बस अपने आप के लिए \ ये यादे शायद हमारी ताकत बनके लौटती है ,चाहे वो हक़ीकत ना बन सकी हो \
ऐसे ही कुछ हालात बन जाते है और मन कह उठता है ----------
आवाजे लौटती है,मुसकुराहटे लौटती है,
अतीत और हमारे बीच कि जंजीरे टूटती है \
गुजरे कई साल ,कुछ पल बन जाते है,
अधूरे से कई ख्वाब फिर नजर आते है\
अनकही कई बातें खामोशी में गूंजती है,
मनचाहे कुछ अपनों को फिर नजरे धुन्धती है \\
कई गुजरे मंज़र फिर से खुद को दोहोराते है,
आज कि तनहाई में हम कल को भी तनहा पाते है \\
......................... शायद हुआ हो कभी ये आप के साथ,कुछ याद है ???
गौरी कमलाकर शेवतेकर
2 comments:
Awesome Poem. Your are simply impossible combinantion. (Doctor+poet)
Yogesh Dhoot
hey really nice post and I can soo relate to it. reminded me of some bhooli bisri yaadein.
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